गुरुवार, 22 अप्रैल 2010

जया बच्चन ने देखा पाण्डुलिपि संग्रहालय


भोपाल। हिन्दी सिने जगत की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री श्रीमती जया बच्चन ने 15 अपै्रल गुरूवार की शाम बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि पहुँचकर संग्रहालय पदाधिकारियों को हैरत में डाल दिया। वे अपनी छोटी बहन अभिनेत्री एवं रंगकर्मी श्रीमती रीता वर्मा के साथ संग्रहालय पहुँची। उन्हें अचानक संग्रहालय में देखकर निदेशक राजुरकर राज एवं सहायक निदेशक संगीता राजुरकर को सुखद आश्चर्य हुआ। श्रीमती बच्चन ने संग्रहालय का भ्रमण किया और इसकी स्थापना एवं संचालन की प्रशंसा की। जया बच्चन ने संग्रहालय में अपने ससुर डाॅ. हरिवंशराय बच्चन के पत्र, उनके हाथ का छापा और उनके हस्ताक्षरयुक्त फोटो के साथ अपने विवाह का आंमत्रण तथा फोटो देखकर अभिभूत हो गईं। संग्रहालय में दुष्यन्त कुमार का एक हस्तलिखित पत्र भी है, जो उन्होंने अमिताभ बच्चन को लिखा था। श्रीमती जया बच्चन ने पत्र का पूरा मजमून भी पढ़ा। श्रीमती बच्चन ने संग्रहालय में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर का बांग्ला लिपि में हस्तलिखित पत्र भी देखा और गद्गद हो गईं। इस अनमोल विरासत के रखरखाव के सम्बन्ध में उन्होंने राजुरकर राज से चर्चा की। दादा माखनलाल चतुर्वेदी की दरी और नरेश मेहता की धरोहर पर भी उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की। निदेशक के ये कहने पर कि आप इतनी अचानक पधारीं कि हम किसी तरह स्वागत नहीं कर पा रहे हैं, श्रीमती बच्चन ने कहा कि मैं अपने घर ही आई हूँ, स्वागत की क्या बात है। श्रीमती बच्चन ने निदेशक को आश्वस्त किया कि डाॅ. हरिवंशराय बच्चन की अनमोल धरोहर वे संग्रहालय को भेंट करेंगी।

1 टिप्पणी:

sapan yagyawalkya ने कहा…

sangrahalay kagaj-kalam se jurhe logon tatha unke parijano ko aakarshit karta hai.is bahane atit main jhankna ho jata hai.yah pradesh hi nahi,apitu desh ki anmol virasat hai.