रविवार, 28 फ़रवरी 2010

दुष्यन्त कुमार अलंकरण श्री सोम ठाकुर को


भोपाल। दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय द्वारा वार्षिक अलंकरणों की घोषणा कर दी गई। देश के सुविख्यात गीतकार श्री सोम ठाकुर को गरिमामय समारोह में दुष्यन्त कुमार अलंकरण से सम्मानित किया जायेगा।
संग्रहालय की विज्ञप्ति के अनुसार दुष्यन्त कुमार अलंकरण के साथ ही संग्रहालय द्वारा दिया जाने वाला सुदीर्घ साधना सम्मान इस बार वरिष्ठ कवि श्री भगवत रावत एवं सुविख्यात कथाकार श्रीमती मालती जोशी को दिया जायेगा। आंचलिक रचनाकार सम्मान कोण्डागांव (बस्तर) निवासी श्री हरिहर वैष्णव को दिये जाने की घोषणा की गई।
उल्लेखनीय है कि 30 दिसम्बर 1997 को स्थापित संग्रहालय द्वारा 1998 से ही दुष्यन्त कुमार अलंकरण दिया जा रहा है। पहले वर्ष यह अलंकरण सुविख्यात ग़ज़लकार श्री अदम गोंडवी को दिया जा चुका है। प्रतिवर्ष दिये जाने वाले अलंकरण से अभी तक श्री अदम गोंडवी, श्री सूर्यकान्त नागर, डाॅ. ज्ञान चतुर्वेदी, डाॅ. बुद्धिनाथ मिश्र, श्री बालकवि बैरागी, श्री लीलाधर मंडलोई, डाॅ. श्रीराम परिहार, श्रीमती चित्रा मुद्गल, श्री निदा फ़ाज़ली एवं डाॅ. अशोक चक्रधर को अलंकृत किया जा चुका है।
इसके साथ ही सुदीर्घ साधना सम्मान और आंचलिक रचनाकार सम्मान से अभी तक श्री गोपाल दास नीरज, प्रो. नईम, श्री बाबूलाल सेन, श्री हनुमन्त मनगटे, श्री एनलाल जैन, श्री राजेन्द्र अनुरागी, श्री रामचन्द्र सोनी विरागी, डाॅ. गोपाल नारायण आवटे, डाॅ. प्रेमशंकर रघुवंशी, श्री लक्ष्मण मस्तूरिया, श्री आबिद सुरती एवं डाॅ. प्रेमलता नीलम को सम्मानित किया जा चुका है।

श्री हरिनारायण व्यास को पत्नी-शोक

श्री हरिनारायण व्यास को पत्नी-शोक
पुणे। सुप्रसिद्ध कवि श्री हरिनारायण व्यास की धर्मपत्नी श्रीमती पुष्पलता व्यास का लम्बी बीमारी के बाद 20 फरवरी को देहावसान हो गया। लगाग 81 वर्षीय श्रीमती व्यास विगत सात वर्षों से बीमार थीं। 90 वर्षीय श्री हरिनारायण व्यास पूरे समय उनकी सेवा करते रहे। श्री व्यास का पता ‘3/4, सी.पी.डब्ल्यू.डी. क्वार्टर्स, पुणे-411037’ है एवं दूरभाष 020-24265167, 32606677 एवं 09371166611 है।

शनिवार, 27 फ़रवरी 2010

‘पाठ परम्परा’ में मनोज सिंह ने किया कहानीपाठ


‘बिना टिकट’ अतीत का सफर
भोपाल। दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय द्वारा आयोजित ‘पाठ परम्परा’ में चण्डीगढ़ निवासी श्री मनोज सिंह ने कहानी पाठ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अमरावती में हिन्दी विभाग की अध्यक्ष डाॅ. ज्येाति व्यास ने की।
श्री मनोज सिंह की कहानी ‘बिना टिकट’ अतीत की स्मृतियों के साथ जोड़ती है। भोपाल के एम.ए.सी.टी मंे इंजीनियरिंग के विद्यार्थी रहे श्री मनोज सिंह की यह कहानी एक तरह से अतीत की यादों का स्पर्श कर रही थी। अपने समकालीन मित्रों की उपस्थिति में कहानी पाठ करते हुए श्री सिंह ने इसे अविस्मरणीय प्रसंग माना। पाण्डुलिपि संग्रहालय के प्रयासों पर टिप्पणी करते हुए श्री सिंह ने कहा कि ‘यह संग्रहालय साहित्यकारों का धाम बन चुका है।’
आरम्भ में ‘पाठ परम्परा’ और श्री मनोज सिंह का उल्लेख करते हुए संग्रहालय के निदेशक राजुरकर राज ने अन्य गतिविधियों पर प्रकाश डाला। कहानी ‘बिना टिकट’ पर वरिष्ठ पत्रकार श्री दिनेश वर्मा, श्री अमोघ गुप्ता, नीलारुण शर्मा, श्री आॅस्कर एंजिल एवं डाॅ. ज्योति व्यास आदि ने विचार व्यक्त किये। स्वागत वक्तव्य श्री राजेन्द्र जोशी ने दिया और आभार संग्रहालय के उपाध्यक्ष श्री शिवकुमार अर्चन ने व्यक्त किया।

शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2010

कैलाश गुरुस्वामी का देहावसान


सीहोर। उर्दू अरूज़ (छन्द शास्त्र) के आचार्य और सुविख्यात शायर डाॅ. कैलाश गुरुस्वामी का 15 फरवरी को एक सड़क दुर्घटना में देहावसान हो गया। डाॅ. गुरुस्वामी दिल्ली से पधारे शायर के श्री मंगल नसीम के सम्मान में आयोजित एक आत्मीय मुशायरे में भाग लेने भोपाल आये थे। भोपाल से सीहोर वापसी के समय उनके स्कूटर में मोटर साइकिल सवार ने उन्हें टक्कर मार दी, जिससे वे गम्भीर रूप से घायल हो गये। उन्हें तत्काल सीहोर के अस्पताल में भरती किया गया। हालत गम्भीर होने के कारण उन्हें भोपाल लाया गया, जहाँ उन्होंने अन्तिम सांँस ली।
डाॅ. स्वामी के देहावसान के बाद उनके पुत्र श्री परितोष शर्मा ने डाॅ. स्वामी के मोबाइल में दर्ज नम्बरों पर एक एस.एम.एस. किया -‘कुछ भी न रहा पास, दिखाने के वास्ते; बस ख़ाक रह गई उड़ाने के वास्ते। अफसोस मरने वालों पर ‘स्वामी न कीजिये, मुल्के अदम को है सभी जाने के वास्ते।’ आप सभी मेरे पापा के अपनों को पापा की तरफ से आख़री सलाम। आप सभी मेरे पापा की आत्मा की शान्ति के लिए ऊपर वाले से दुआ कीजिए।’
श्री परितोष शर्मा का पता है- ‘3-लेबर काॅलोनी, सीहोर।’