मंगलवार, 2 मार्च 2010

कैलाश गुरु स्वामी ने लिखी उर्दू की दुर्लभ विधा पर किताब


सीहोर। नगर के शायर डाॅ. कैलाश गुरु स्वामी ने 18 वर्षेेा की मेहनत के बाद उर्दू की ऐसी जटिल विधा पर किताब लिखने में कामयाबी पाई है, जो दुर्लभ मानी जाती है। दिल्ली के नेशनल बुक टस्ट ने इसके प्रकाशन की मंजूरी दे दी है।
उर्दू में शायरी आम बात हैं लेकिन छन्द, व्याकरण और मेजरमेंट के साथ कुछ भी कहना कठिन। अरुज ऐसा छन्द होता है, जिसके मुताबिक शायरी करना बिरली बात है। डाॅ. स्वामी का यह प्रयास इसलिये भी सार्थक है, क्योंकि हिन्दुस्तान में अरुज के जानकारों की संख्या उंगलियों पर गिनी जा सकती है।
62 वर्षीय डाॅ. स्वामी ने 1992 में इस विधा पर किताब लिखने का काम शुरू किया था। 220 पृष्ठों की पाण्डुलिपि में उन्होंने शेर ग़ज़ल कहने के पैरामीटर का विस्तृत उल्लेख किया है। उर्दू में दो हजार से अधिक ग़ज़लें और कुछ किताबें लिखने वाले श्री स्वामी कई सम्मानों से नवाज़े जा चुके हैं। 12 वर्ष की उम्र से शायरी कर रहे डाॅ. स्वामी के इल्म का बड़े शायर भी लोहा मानते हैं। कई शायर उनसे अपनी ग़ज़लों के मीटर सुधरवाते हैं।

1 टिप्पणी:

निर्मला कपिला ने कहा…

डा. कैलाश गुरु स्वामी जी को बहुत बहुत बधाई । आपका धन्यवाद इस जानकारी के लिये।