सोमवार, 21 दिसंबर 2009






1 टिप्पणी:

सीमा रानी ने कहा…

प्रिय मित्र,
राज
संग्रहालय के स्थापना दिवस के कार्यक्रम में ना आ पाने का जो खेद रहा उसे आपकी इस पोस्ट ने काफी हद तक कम कर दिया .विस्तार से समाचार तो मिले ही, बसंत जी की रपट ने जैसे पूरा कार्यक्रम ही सजीव कर दिया .
आ .महेश श्रीवास्तव जी ने आपकी जो प्रशंशा की उसमें हम भे भागीदार होना चाहेंगे .आपकी कर्मठता और लगनशीलता की तो मैं भी कायल हूँ और मित्र होने के नाते कुछ हद तक गौरवान्वित भी ।
आपको और उन सभी लोगों को जिनका प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में इस कार्यक्रम में सहयोग रहा, बधाई .
शुभकामनाओं सहित ...
सीमारानी