बुधवार, 14 अक्तूबर 2009

दुष्यन्त संग्रहालय में रखी जायेगी राष्ट्रकवि की दरी


भोपाल। देने में जो आनंद है, वो पाने में कहाँ? जीवन का यह विशिष्ट ज्ञान कई लोगों ने सहज ही प्राप्त कर लिया। पूरे एक हफ्ते चले जाॅय आॅफ गिविंग अभियान में लोगों ने अनुपयोगी सामान दे कर कई जरूरतमंदों को खुश होने की वजह दे दी। इस अभियान के तहत खंडवा में दादा माखनलाल चतुर्वेदी की वह दरी भी मिली, जिसका उन्होंने बरसों उपयोग किया था।
यह जानकारी संस्था गंूँज के ‘जाॅय आॅफ गिविंग वीक’ का संचालन करने वाली संस्थाओं स्पंदन, अहम भूमिका और विकास संवाद के सदस्यों प्रकाश, सीमा, सुब्रत गोस्वामी, योगेश वैद्य, सचिन और रश्मि जैन ने दी। चर्चा के दौरान सभी ने इस सप्ताह के दौरान मिले अनुभवों को साझा किया। स्पन्दन के प्रकाश ने बताया कि खंडवा में एक युवती निलोफर की पहल के बाद मुस्लिम परिवारों ने 150 ड्रेसेज को धोकर व प्रेसकर संस्था को एक विशिष्ट दरी भी मिली। यह दादा माखनलाल चतुर्वेदी के भतीजे प्रमोद चतुर्वेदी ने दी है। यह दरी माखनलालजी ने बरसों उपयोग की। इसी दरी पर उनके साथ कई बड़े नेता और संगीतकारों की बैठकें हुई हैं। संस्था इस दरी को दुष्यन्त कुमार पाण्डुलिपि संग्रहालय को भेंट करेगी।
समाचार पत्रों में छपा

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