मंगलवार, 3 नवंबर 2009

मुन्नूजी नहीं रहे


भोपाल। दुष्यन्त कुमार के इकलौते अनुज एवं हिन्दी के सेवानिवृत्त प्राध्यापक प्रो. प्रेमनारायण त्यागी का 24 अक्टूबर की सुबह देहावसान हो गया। वे लगभग 67 वर्ष के थे। भदभदा विश्रामघाट पर अनेक साहित्यिकारों, बुद्धिजीवियों और राजनीतिज्ञों ने उन्हें अन्तिम विदा दी। दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय ने प्रो. प्रेम त्यागी के निधन को अपनी पारिवारिक क्षति बताया है। उल्लेखनीय है कि दुष्यन्त कुमार ने अपनी सर्वाधिक लोकप्रिय कृति ‘साये में धूप’ अपने प्रिय अनुज ‘मुन्नूजी’ अर्थात प्रेमनारायण त्यागी को समर्पित की थी।

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