मंगलवार, 27 जनवरी 2009

नया उपन्‍यास ” लावा

अभी हाल ही में मेरा नया उपन्‍यास ” लावा ‘ आया है।
कल्‍पना प‍ब्‍कलेशन 157 दूसरी मंजि‍ल,चांदपोल बाजार
उदयपुर राजस्‍थान से प्रकाशि‍त ा लावा, चाणक्‍य
के सम्‍पूर्ण जीवन पर आधारि‍त उपन्‍यास हैा लावा
में आप पाएंगे चाणक्‍य के सीने में खलबलाता वह
लावा जो नन्‍द के समुचे वंश को समाप्‍त करने के
लि‍ए लालायि‍त होता हैा लावा जो प्रति‍शोध जगाता
हैा लावा जो चाणक्‍य को ज्‍वालामुखी बनाता हैा
लावा जो चाणक्‍य को महत्‍वाकांक्षी बनाता हैा
लावा जो चाणक्‍य को अपने लक्ष्‍य तक पहुंचाता हैा
लावा जब तक सीने मं नहीं व्‍यक्‍ति‍ अपने लक्ष्‍य
तक नहीं पहुंच सकता ा लावा जो प्रेम का भी
बलि‍दान देने की शि‍क्षा देता हैा लावा जो देश प्रेम
के लि‍ए प्रेरि‍त करता हैा यह वह ”लावा” जो हाथ
में उठाते ही पूरा न पढने तक हाथ से नहीं छूटताा
आप अवश्‍य पढे ा
आपका अपना
कृष्‍णशंकर सोनाने

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